Responsive Ads Here

Sunday, June 10, 2018

यह हैं हिंदी फ़िल्म्स के 10 सबसे बेहतरीन डायलॉग


वैसे तो हर हफ्ते कई फ़िल्म्स रिलीज़ होती रहती हैं | और हर फिल्म की कहानी अलग होती है और हम उस फिल्म को उसकी कहानी के लिए याद रखते हैं | लेकिन कई बार ऐसा होता है की इन्ही फिल्मस में कुछ डायलॉग ऐसे होते हैं जिन्हे की हम जिंदगी भर नहीं भूल पाते | आज हम आप के लिए कुछ ऐसे डायलॉग को लेकर आये हैं जिन्हे जितनी बार भी सुनो सुनने में अच्छे लगते हैं | यह रहे कुछ ऐसे ही फेमस डायलॉग जिन्हे हम जिंदगी में कभी नहीं भूल सकते |

जी हाँ रणजीत यह हिंदी फिल्मस के काफी फेमस अभिनेता रहे हैं | और जब यह अपने किरदार में होते थे तो इन के मुंह से यह अक्सर सुनाने को मिलता था की इतनी अच्छी चीज भगवान के लिए कैसे छोड़ दूँ |

जब कभी इस तरह के डायलॉग की बात हो और प्रेम चोपड़ा का नाम ना आये ऐसा तो हो ही नहीं सकता यह भी अक्सर इस डायलॉग का इस्तेमाल करते थे | यहाँ तुम्हें बचाने के लिए कोई नहीं आएगा लेकिन तभी हीरो आ जाता था |

जो डर गया समझो मर गया यह एक ऐसा डायलॉग है जो की अक्सर आज भी इस्तेमाल होता है | और अपने समय में यह काफी ज्यादा फेमस हुआ था |

शायद ही कोई ऐसा हो जिस ने यह फिल्म ना देखी हो | यह सनी देओल की सब से बेहतरीन फिल्मस में से एक है | और इस का यह डायलॉग की कुत्ते का पिल्ला कुत्ता ही होता है शेर नहीं काफी ज्यादा फेमस हुआ था |

जब इस तरह की बात चले और हम शोले फिल्म के डायलॉग कितने आदमी थे को भूल जाएँ ऐसा तो हो ही नहीं सकता | सच में इस के लिए तो हमें फिल्म के अभिनेता की दाद देनी चाहिए जिसने इसे इतनी अच्छी तरह से बोला की आगे चल कर इतना फेमस हो गया |

अब मोगैंबो को भला कोई कैसे भूल सकता है | इनके मोगाम्बो कहने का तरीका ही कुछ इस तरह का था की लोग इन्हे देखते ही पागल हो जाते हैं और आज भी इनकी इस रोल के लिए याद किया जाता है |

यह भी हमें कई फ़िल्म्स में सुनाने को मिलता है और आज भी कई ऐसी फिल्मस हैं जिस में इसे इस्तेमाल किया जाता है |

सच में जब हम कभी शक्ति कपूर का नाम लेते हैं तो हमारे दिमाग में एक ही चीज आती है एक तो क्राइम मास्टर गोगो और दूसरा नंदू सब का बंधू | इस से आप इस का अंदाज़ा लगा सकते हैं की यह कितना फेमस रहा होगा |

अक्सर फिल्मस में हीरो इस तरह के डायलॉग बोलते हैं |

अक्सर जब पुरानी फिल्मस में जब हीरो और विलन का अंतिम सीन चलता था तो यह डायलॉग भी अक्सर सुनाने में आता था की तुम्हारी माँ मेरे कब्ज़े में है |

No comments:

Post a Comment